वक्त अच्छा हो या बुरा, कुछ ना कुछ सिखा ही जाता है। वक्त अच्छा हो या बुरा, कुछ ना कुछ सिखा ही जाता है।
रोशनी की चाह मे , आंखे चली गईं , जैसे ढली है साँझ, बिजली चली गई रोशनी की चाह मे , आंखे चली गईं , जैसे ढली है साँझ, बिजली चली गई
सुबह के भूले,जब घर लौटे घर तो था दीवार नहीं थी अंधेरा फिर भी रौशन था अंधेरे की चाह न सुबह के भूले,जब घर लौटे घर तो था दीवार नहीं थी अंधेरा फिर भी रौशन था अं...
हाँ, हुई है हत्या हमारे मन की, हत्यारे ने की है सपनों, आरज़ुओं , जिन्दगानी की हत् हाँ, हुई है हत्या हमारे मन की, हत्यारे ने की है सपनों, आरज़ुओं , ...
मिठास बरकरार रखना एक दूसरे का ख़्याल रखना, रद ना हो जाएं ये अर्जियां दिलों में मोह मिठास बरकरार रखना एक दूसरे का ख़्याल रखना, रद ना हो जाएं ये अर्जियां ...
सपनों की चादर प्रेम के धागे। सपनों की चादर प्रेम के धागे।